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जॉन ऍफ़ केनेडी जीवनी - Biography of John F. Kennedy in Hindi Jivani

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        जॉन फ़िट्ज़गेराल्ड "जैक" केनेडी अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति थे जिन्होने 1961 से शासन सम्भाला था जिसके दौरान 1963 में उनकी हत्या कर दी गई। सेना में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मोटर तॉरपिडो जहाज़ों के कमांडर पद के बाद केनेडी ने 1947-1953 के बिच मैसेचुसेट के 11वें जिले के प्रतिनिधी की भूमिका संभाली। इसके बाद उन्होने अमरिकी सेनेट में 1953-1960 तक कार्य किया। 


        बाद में केनेडी ने उस वक्त के उप-राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को 1960 के राष्ट्रपति चुनाव में हरा दिया और थियोडोर रूज़वेल्ट के बाद 43 की उम्र में दुसरे सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बन गए। वे 20वी सदी के सबसे पहले राष्ट्रपति भी थे। केनेडी एकमात्र ऐसे कैथोलिक राष्ट्रपति है जिन्हे पुलित्ज़र पुरस्कार से नवाज़ा गया है। उनके शासन के दौरान हुई घटनाओं में पिग्स की खाड़ी का अधिग्रहण, क्यूबा प्रक्षेपास्त्र की मुश्किलें, बर्लिन की दीवार का निर्माण, अन्तरिक्ष होड़, अफ़्रीकी अमरीकी मानव अधिकारों की हलचल व वियतनाम युद्ध की शुरुआत प्रमुख है।


        22 नवम्बर 1963 को डैलस, टेक्सास में केनेडी की हत्या कर दी गई थी। इस जुर्म के लिए ली हार्वी ऑस्वाल्ड पर आरोप लगाया गया था परन्तु इससे पहले की उस पर मुकदमा चलाया जा सके, आरोप लगने के दो दिन बाद ही जैक रूबी ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी। एफ बी आई, वॉरेन कमीशन और हाउस सिलेक्ट कमिटी ऑन असैसिनेशन ने आधिकारिक तौर पर यह निष्कर्ष पेश किया की ऑस्वाल्ड एकमेव हत्यारा था। आज केनेडी जनता के विचारों की रेटिंग में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों में सबसे ऊँचे क्रमांक पर है।


        उन्होंने गत राष्ट्रपति आइजनहोवेर के योजना को आगे बढ़ाते हुए क्यूबा में गैर साम्यवादी सरकार बनवाने की होड़ में फिदेल कास्त्रो की सरकार को उखाड़ फेंकने की निति पर काम किया | अप्रैल 1961 में पिंग्स की खाड़ी पर हमला बोला गया पर वह नाकाम हो गया | इससे क्यूबा सरकार के समर्थक सोवियत यूनियन के John F. Kennedy केनेडी को कमजोर नेता समझकर सन 1962 में नाभीकिय अस्त्र लगा दिए | क्यूबन मिसाइले भी चाक चौबंद हो गयी |


        तेरह दिन तक दुनिया नाभिकीय युद्ध के मुहाने पर खड़ी रही और काफी जद्दोजहद के बाद आखिरी सोवियत नेता कृशचेव अपने कदम पीछे हटाने को राजी हुए और जैसे तैसे केनेडी की साख बच गयी | केनेडी के कार्यकाल में ही बर्लिन की दीवार का निर्माण हुआ | अन्तरिक्ष में होड़ आरम्भ हो गयी और वियतनाम युद्ध की चिंगारी सुलगी | इन घटनाओं ने पुरी दुनिया को प्रभावित किया | उन्होंने शैक्षिक ,सामजिक और रंग भेद के स्तर पर अनेक सुधारवादी कार्य किये , जिनके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है |


        उनके बहुत से चाहनेवाले तो थे तो कुछ दुश्मन भी | कुछ लोग कहते है कि उन्हें किसी षड्यंत्र के तहत मारा गया | 22 नवम्बर 1963 को उनकी हत्या हुयी | इस जुर्म में ली हार्वी आस्वल्ड को गिरफ्तार किया गया लेकिन दो दिन बाद रूबी नाम के व्यक्ति ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी | पुलिस के तथ्यों की छानबीन के बाद केनेडी की हत्या के लिए आस्वल्ड को ही जिम्मेदार ठहराया और उनकी फाइल बंद हो गयी |


        कैनेडी के कार्यकाल के दौरान क्यूबा में मिसाइल संकट से लेकर अंतरिक्ष के प्रोजेक्ट अपोलो, बर्लिन दीवार का निर्माण, अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन और वियतनाम युद्ध में अमेरिकी के दखल समेत तमाम घटनाएं हुईं। वहीं, निजी जिंदगी में कैनेडी को बेहद रंगीन मिजाज माना जाता है। महिलाओं के साथ अपने संबंधों को लेकर वो काफी बदनाम रहे। व्हाइट हाउस की इंटर्न से लेकर मशहूर अभिनेत्री मर्लिन मुनरो तक उनके तमाम महिलाओं के साथ बेहद निजी संबंद्ध रहे। आगे हम उनमें से कुछ महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे रिश्तों को लेकर कैनेडी ने बदनामी झेली।


शीत युद्ध और क्यूबा मिसाइल संकट :


        अमेरिका ने सोवियत रूस को निशाना बनाकर इटली और तुर्की में मिसाइलें तान रखी थीं. 1961 में उसने क्यूबा में फिदेल कास्त्रो की साम्यवादी सरकार के तख्तापलट की नाकाम कोशिश की. क्यूबा को सोवियत रूस का सहारा मिला. क्यूबा, जो अमेरिका ने कुछ ही मील दूर पर था, को आधार बनाकर रूस ने इटली और तुर्की में तैनात अमेरिकी मिसाइलों का जवाब तैयार कर लिया था. 16 अक्टूबर को जब कैनेडी को जासूसी जहाज से खींची गई वे तस्वीरें दिखाई गयीं तब जाकर यह राज़ खुला.


        कैनेडी ने तुरंत आपात मीटिंग बुलाई. अमेरिकी रणनीतिकारों ने क्यूबा पर हवाई हमला करके उस जगह को तहस-नहस करने का प्लान बनाया. पर कैनेडी सावधानीपूर्वक आगे बढ़ना चाहते थे. उन्होंने छह दिन बाद यानी 22 अक्टूबर को देश के नाम संबोधन में इसका खुलासा किया. इसके बाद अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई करते हुए क्यूबा की समुद्री घेराबंदी कर दी. हर जहाज को क्यूबा जाने से पहले जांचने का निर्णय लिया गया. रूस इससे ख़फ़ा हो गया. 


        उसने उसे युद्ध की कार्यवाही क़रार दे दिया. कुछ दिन बाद क्यूबा ने रुसी मिसाइल दागकर अमेरिका के हवाई जहाज़ को मार गिराया. पूरी दुनिया परमाणु जंग के मुहाने पर आ खड़ी हुई. इसी बीच रूस ने क्यूबा संकट के गहराने पर संभावित जंग के हालात से निपटने के लिए परमाणु हथियारों से लैस चार पंडुब्बियां भेज दी थीं. अमेरिकी नाविकों ने अपनी समुद्री सीमा में उन पनडुब्बियों को घेर लिया और उन्हें समुद्र तल पर आने के लिए मजबूर किया.

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