हिलैरी डियान रोधम का जन्म 26 अक्टूबर 1947 को इलेनॉइस के शिकागो के एजवॉटर हॉस्पिटल में हुआ। शिकागो के यूनाइटेड मेथोडिस्ट परिवार में वे पली बढ़ी और फिर 3 साल की उम्र से इलेनॉइस के सबअर्बन पार्क रिज में रहने लगी। उनके पिता ह्यूज एल्सवर्थ रोधम (1911-1993) वेल्श में रहते थे और इंग्लिश वंशज थे और साथ ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री का छोटा व्यवसाय भी करते थे। उनकी माता डोरोथी एम्मा हॉवेल (1919-2011) इंग्लिश गृहिणी थी और स्कोटिश, फ्रेंच और वेल्श में रहते थे। हिलैरी के दो छोटे भाई ह्यूग और टोनी भी है।
राजनितिक परिवार से जुडी होने की वजह से राजनीती में उनकी बहुत रूचि है। 13 साल की उम्र में ही 1960 के यूनाइटेड स्टेट प्रेसिंडेन्टिअल इलेक्शन में उन्होंने रिपब्लिकन सदस्य रिचर्ड निक्सन के खिलाफ फ्रॉड का साबुत ढूंडा। बाद में वह 1964 में यूनाइटेड स्टेट प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में कैंडिडेट बैरी गोल्डवॉटर के अभियान की वॉलंटियर बनी। हाई स्कूल के समय से ही उनके राजनितिक करियर की शुरुवात हो चुकी थी।
हिलैरी रोधम शिकागो के आस-पास के क्षेत्र में ही बड़ी हुई। 1969 में वेल्सले कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया और 1973 में याले लॉ स्कूल से J.D. की उपाधि हासिल की। कांग्रेशनल लीगल कॉउंसिल में सेवा करने के बाद वह अर्कान्सस गयी और 1975 में बिल क्लिंटन से शादी कर ली। 1978 में लीगल सर्विस कारपोरेशन में चेयर के पद पर नियुक्त की जानी वाली वह पहली महिला बनी और उसी साल रॉस लॉ फर्म की पहली महिला सहयोगी (पार्टनर) बनी। अर्कान्सस (1979-81, 1983-92) की पहली महिला होते हुए उन्होंने कई काम किये जिसमे मुख्य रूप से अर्कान्सस पब्लिक स्कूल को पुनः स्थापित करना और बोर्ड ऑफ़ कारपोरेशन में काम करना भी शामिल है।
1975 में विवाह के पश्चात हिलेरी ने अरकानसकस लॉ स्कूल विश्वविद्यालय में अध्यापक हुयी | 1978 में उन्हें प्रेसिडेंट जिमी कार्टर ने बोर्ड ऑफ़ लीगल सर्विस कारपोरेशन में नियुक्त किया तथा क्लिंटन अरकासस के गर्वनर बने | 1980 में उनकी पुत्री चेल्सी का जन्म हुआ | परिवार , कानून एवं सार्वजनिक सेवा – हिलेरी ने बखूबी इन सभी क्षेत्रो को एक साथ सम्भाला | वे अरकानसस एडवोकेट फॉर एजुकेशनल स्टैण्डर्ड कमेटी की सभापति बनी | नेशनल हेल्थ केयर रिफार्म से जुड़ने के बाद तो वे ओर भी सक्रिय हो गयी |
फर्स्ट लेडी के रूप में अपने अनुभव बांटने के लिए उन्होंने “Talking It Over” नामक स्तम्भ लिखा | उन्होंने कुछ पुस्तके भी लिखी जिनकी रिकॉर्डिंग पर उन्हें ग्रेमी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया | यधपि सार्वजनिक गतिविधिया कई बार विवादों का केंद्र रही किन्तु समर्थको की भी कमी नही थी | वे महिलाओं तथा बच्चो के मुद्दों में वचनबद्ध रही | 07 नवम्बर 2000 को वे न्यूयॉर्क की सीनेटर चुनी गयी | 2008 और 2016 में वो अमेरिका राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ी लेकिन उनका अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का सपना पूरा न हो सका |
सार्वजानिक जीवन
हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी जीतकर इतिहास रचा। यह अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसी बड़ी पार्टी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई। विदेश मंत्री, प्रथम महिला एवं न्यूयार्क से सीनेटर रह चुकी हिलेरी ने फिलाडेल्फिया में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में पार्टी के कुल 4764 डेलीगेटस में से बहुमत का समर्थन हासिल करके उम्मीदवारी जीती।
क्लिंटन की कुछ रोचक बात
1. वॉलमार्ट और TCBY के बोर्ड पर उन्होंने लॉयर (वकीलि) का काम भी किया है।
2. युवा हिलैरी रोधम को जल्द ही राजनीती में रूचि नही आयी। उन्होंने बेसबॉल खेलने,जॉर्नलिस्ट और अंतरिक्ष यात्री बनने के सपने देखे थे।
3. 1974 में वाटरग्रेड स्कैण्डल क्लिंटन प्रेसिडेंशल इम्पेचमेंट जाँच समिति की सदस्य बनी। उसी साल प्रेजिडेंट रिचर्ड निक्सन ने रिजाइन किया था।
4. पहली महिला सेवारत होने के साथ ही क्लिंटन बहोत से क्षेत्रो में पहली है। पोस्टग्रेजुएट की डिग्री हासिल करने वाली क्लिंटन पहली प्रेसिडेंशल पत्नी है और साथ ही राष्ट्रिय ऑफिस में नियुक्त की जाने वाली भी पहली महिला है।
5. उन्होंने वेल्सले कॉलेज और याले लॉ स्कूल से शिक्षा ग्रहण की और वही उनकी मुलाकात अपने पति बिल से हुई। लॉ डिग्री पूरी करने के बाद याले चाइल्ड स्टडी सेंटर में वे पोस्टग्रेजुएट क्लास लेने लगी थी।
6. बिल और हिलैरी क्लिंटन एकमात्र ऐसे कपल है जिनके फिंगरप्रिंट FBI ने लिए है।
7. हिलैरी पहली सीनेटर भी है। 1 जनवरी 2001 को उन्होंने US सीनेटर का ताज पहना था और 20 जनवरी को बिल ने व्हाइटहाउस छोड़ दिया था।
8. बेस्ट स्पोकन वर्ड के लिए 1997 में उन्हें ग्रैमी अवार्ड मिला था। उनकी किताब “ईट टेक ए विलेज” के ऑडियो वर्जन के लिए उन्हें यह अवार्ड मिला था।
9. ओबामा के ऑफिस की पहली टीम के समय उन्होंने 67 वे US सेक्रेटरी के पद पर रहते हुए सेवा की थी। US के इतिहास में वह तीसरी महिला सेक्रेटरी है।