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सुमित्रा महाजन जीवनी - Biography of Sumitra Mahajan in Hindi Jivani

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उनका जन्म महाराष्ट्र के चिपलून में १२ अप्रैल १९४३ को उषा और पुरुषोतम साठे के घर में हुआ। उनका विवाह २९ जनवरी १९६५ में इंदौर के जयंत महाजन के साथ हुआ। उन्होने इन्दौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की।


72 वर्षीय सुमित्रा महाजन आठ बार से लोकसभा सांसद हैं। वे इंदौर से चुनकर आती हैं। वे सदन के सभापति के पैनल में लंबे समय तक कार्य कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री के अलावा जिन अन्य भाजपा नेताओं ने उनके नाम का प्रस्ताव किया, उनमें राजनाथसिंह और सुषमा स्वराज शामिल हैं। सुमित्रा महाजन को प्यार से ‘ताई’ बुलाते हैं और वह अपने सहृदय स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। हर दल में उनके मित्र और प्रशंसक हैं।


मीरा कुमार के बाद सुमित्रा महाजन दूसरी महिला लोकसभा स्पीकर हैं। सुमित्रा महाजन एमपी की राजनीति में ‘ताई’ के नाम से मशहूर हैं। अपने दम पर उन्होंने राह बनाई और आज एक बड़ा मुकाम हासिल करने जा रही हैं। वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की हेड मास्टर बनी हैं। इंदौर गौरवान्वित है... कि उनकी ताई ने एक और इतिहास रच दिया है। ताई देश की ऐसी पहली महिला सांसद हैं, जो एक ही स्थान से लगातार आठ बार चुनाव जीतीं। 2014 के चुनाव में मध्यप्रदेश में सुमित्रा महाजन की 4 लाख 66 हजार 901 की जीत प्रदेश के किसी भी उम्मीदवार की सबसे बड़ी जीत है।


राजनीतिक जीवन


सुमित्रा महाजन ने १९८९ के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्राकाश चंद्र सेठी को हराया। इससे पहले इंदौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से वो लगातार तीन विधान सभा चुनाव हार चुकी थीं। सुमित्रा महाजन २००२ से २००४ तक केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में शामिल थीं। उन्हें मानव संसाधन, संचार तथा पेट्रोलियम मंत्रालय का काम दिया गया था। वो प्रथम महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनावों में पराजित नहीं हुई। वो आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला सांसद हैं


लोक सभा अध्यक्ष


सुमित्रा महाजन ने ५ जून २०१४ को लोक सभा अध्यक्ष के लिए नामांकन भरा। ६ जून २०१४ को वो निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुनी गई। यह पहली बार है कि भारतीय जनता पार्टी का कोई सांसद लोक सभा अध्यक्ष बना


लगातार आठवीं बार लोकसभा सांसद


सुमित्रा ने इस बार चुनाव में 4.67 लाख मतों के अंतर जीत दर्ज करके लगातार आठवीं बार इंदौर लोकसभा सीट जीती। सुमित्रा ने भाजपा में रहते हुए राजनेता के रूप में विकास किया। वह 1990 में मध्य प्रदेश में भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष और 1998 में राष्ट्रीय महासचिव बनीं। महाजन वर्ष 1992 में पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष थीं और वर्ष 1995 में भाजपा विधायक दल की अध्यक्ष बनने से पहले वे भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई की सचिव बनीं। इसके अलावा वे वर्ष 2005 में भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख थीं। सांसद के तौर पर महाजन मानव संसाधन विकास (एचआरडी) समेत विभिन्न समितियों और मूल्य आधारित शिक्षा पर इसकी उपसमिति की सदस्य रही हैं।


महिला कल्याण और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में भी सक्रिय


सुमित्रा महाजन औषध नियंत्रण पर उपसमिति की संयोजक रही हैं। वे महिला सशक्तीकरण पर संयुक्त समिति और महिलाओं से जुड़े कानूनों (आपराधिक कानूनों) के मूल्यांकन पर बनी उपसमिति से भी जुड़ी रही हैं। वे सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण पर बनी समिति और ग्रामीण विकास की स्थायी समिति की अध्यक्ष भी रही हैं। उनकी रुचि मराठी साहित्य, कविता और नाटक में है। वे कई सांस्कृतिक संगठनों से जुड़ी हैं। भाजपा नेता महिला कल्याण और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। वे मध्यप्रदेश में मराठी अकादमी की पूर्व अध्यक्ष, इंदौर में अहिल्या उत्सव समिति और समकालीन अध्ययन केंद्र की प्रमुख और इंदौर-पारसपुर सहकारी बैंक एवं महाराष्ट्र ब्राहमण सहकारी बैंक की पूर्व निदेशक रही हैं।


संभाले गए पद


1984-85: उप महापौर, नगर निगम, इंदौर


1989: 9वीं लोकसभा के लिए चुना गया


1 99 0-9 1: सदस्य, परामर्शदात्री समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण अध्यक्ष, महिला मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मध्य प्रदेश


1991: 10 वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल)


1991-92: सदस्य, 73 वें संविधान संशोधन विधेयक के लिए संयुक्त समिति


1 991-9 3: सदस्य, प्री-नेटाल डायग्नॉस्टिक टेक्निक्स (विनियमन और निवारण का दुरुपयोग) विधेयक, 1991 के लिए संयुक्त समिति


1991-96: सदस्य, परामर्शदात्री समिति, संचार मंत्रालय


1992-94 उपाध्यक्ष, भाजपा, मध्य प्रदेश


1995-96: सचिव, भाजपा, संसदीय बोर्ड और अध्यक्ष, संसदीय बोर्ड, मध्य प्रदेश


1996: 11 वीं लोकसभा (तीसरे कार्यकाल) के लिए फिर से चुने गए


1996-98: सचिव, भाजपा 1997: सदस्य, लोक लेखा पर समिति


1 99 8: 12 वीं लोकसभा (4 वें पद) के लिए निर्वाचित


1 99 8 के बाद से: जनरल सेक्रेटरी, भाजपा 1998- 99: संयोजक, मादक द्रव्य नियंत्रण पर उप-समिति, मानव संसाधन विकास समिति की समिति, मानव संसाधन विकास समिति और उसके उप-समिति- I पर मूल्य आधारित शिक्षा सदस्य, संयुक्त समिति महिलाओं के सशक्तिकरण और महिलाओं के संबंध में कानून के मूल्यांकन पर इसकी उप-समिति, आपराधिक कानून सदस्य, संसद के सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडी) सदस्य, परामर्शदात्री समिति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय


1 999: 13 वीं लोकसभा (5 वें पद) के लिए निर्वाचित


अक्टूबर 1999 - जून 2002: केंद्रीय मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय


जुलाई 2002 - मई 2003: केन्द्रीय राज्य मंत्री, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय


24 मई 2003 - मई 2004: केंद्रीय राज्य मंत्री, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय


2004: 14 वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित (6 वें पद)


2004-2009: सदस्य, सामान्य प्रयोजन समिति के अध्यक्ष, सामाजिक न्याय और अधिकारिता समिति समिति, अध्यक्षों के पैनल


2005: प्रभाठी, महिला मोर्चा, भाजपा सदस्य, नागरिक उड्डयन पर सलाहकार समिति


5 अगस्त 2007 - मई 200 9: अध्यक्ष, सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी स्थायी समिति


2009: 15 वीं लोकसभा (7 वें पद) के लिए फिर से निर्वाचित


जून 200 9: अध्यक्ष, अध्यक्ष का पैनल


31 अगस्त 200 9: अध्यक्ष, ग्रामीण विकास संबंधी स्थायी समिति


23 सितंबर 200 9: सदस्य, महिला सशक्तिकरण पर समिति


2014: 16 वीं लोकसभा (8 वें पद) के लिए फिर से चुने गए

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