नाम : अनुपमा निरंजन
जनम दि : 1 जनवरी 1934
ठिकाण : तीर्थहल्ली
पती : कुलकुंड शिवराय
व्यावसाय : 1 जनवरी 1991
प्रारंभिक जीवनी :
अनुपमा निरंजना का जनम 1 जनवरी 1934 को तीर्थहल्ली मे हुआ था | अनुपमा निरंजना का जनम नाम वेंकटलक्ष्मी था | उन्होंने 1956 में मैसूर मेडिकल कॉलेज से स्त्रातक होने के लिए अपने परिवार को शिक्षीत करने के लिए अपने परिवार के साथ लडाई कि थि | उस साल उन्होंने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ कन्नाड लेख्ंक निरंजना से शादी भी की थी | अनुपमा के सामने एक कडी लढाई भी, एक स्ट्रोक के बाद अपने पति के पक्षाघात और कैंसर के साथ | फिर भी उसने अपनी दोनों बेटियों तेजस्विनी और सैमंथिनी को पाला था | और लिखना जारी रखा |
1976 मे उनकी उपन्यास माधवी ड्रल थ्रेड 1980 और घोष रैली क्राई 1985 मे प्रकाशित हुई थी | उनके उपन्यास रुणमुक्त को 1984 मे एक सफल फिल्म् के रुप मे बनाया गया था | उनकी बेटी तेजस्विनी भी एक लेखक और अकादमिक है | और उन्होंने अपनी माँ की कई रचनाओं का कन्नाड से अग्रेजी मे अनुवाद किया है |
अनुपमा की कैंसर से मृत्यू हो गई | अनुपमा ने धारवाड और बैंगलोर मे एक चिकित्साक के रुप मे अभ्यास किया था |
कार्य :
अनुपमा निरंजना भारत मे एक डॉक्टार थी | और आधुनिक कन्नाड कथा और गैर कथा साहित्या की लेखिका थी | उन्होंने महिला के दृष्टिकोण की वकालत की और कन्नाड मे ऐसे लेखकों मे से एक थी | जिसमे त्रिवेणी और एमके इंदिरा जैसे अन्या शामिल है | पुतनना कनगल व्दारा उनके उपन्यास रनमुक्तालु को एक सफल फिल्म् बनाया गया है | अनुपमा ने जीवन की शुरुआत मे लेखन किया और समाजिक मुद्रदो, विशेषकर महिलाओं के मुददो से संबंधित कई उपन्यास और कहानियां लिखी | कन्न्ड मे लिखने वाली महिलाओं के लिए उनके नाम पर एक पूरस्कार की स्थापना की गई है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) उन्हें कर्नाटक साहित्या अकादमी पूरस्कार से सम्मानित किया गया था |
2) सेवियत लैंड नेहरु पूरस्कार से सम्मानित किया गया था |
पुस्ताके :
1) अनंत गीत
2) श्वेताबंरी
3) स्नेहपल्लावी
4) रनमुक्तानु
5) सेवे
6) पुष्पाक
7) कानमणी
8) ओदानू
9) नेनपू सिही काठी
10) फलोल
11) आला
12) मुक्ताचित्र
13) माधवी
14) गोशा
15) नाती
16) मुलमुखी
17) फर्क जगत्तु
18) तथी मगु
19) दिनक्कोंडू कथे बच्चों की कहानियों का संग्राह