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सुभाष चंद्रा जीवनी - Biography of Subhash Chandra in Hindi Jivani

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सुभाष चन्द्रा (जन्म:३० नवम्बर, १९५०) भारत के एक उद्यमी, मीडिया स्वामी तथा अभिप्रेरक वक्ता (मोटिवेशनल स्पीकर) हैं। वे भारत के सबसे विशाल टीवी चैनल समूह ज़ी मीडिया तथा एस्सेल समूह के अध्यक्ष हैं जिसने भारतीय उपग्रह टेलीविजन प्रसारण में क्रान्ति का सूत्रपात किया। उनके द्वारा १९९२ में स्थापित जी टीवी भारत में पहला केबल टीवी था। आज सोनी एवं स्टार-प्लस आदि के साथ टक्कर कर रहा है। एम्मी पुरस्कार से नवाजे जा चुके चंद्रा की आत्मकथा का विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में २० जनवरी २०१६ को हुए एक कार्यक्रम में किया।11 जून 2016 को वे हरियाणा से राज्यसभा सदस्य चुने गये।


30 नवंबर, 1964 को जन्मे; सुभाष चंद्र 4 अरब डॉलर की एस्सेल समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। सुभाष को अक्सर भारत के मीडिया मुगल के रूप में संदर्भित किया जाता है, न केवल देश की पहली उपग्रह हिंदी चैनल ज़ी टीवी का अग्रणी है बल्कि उसने भारत में टेलीविज़न देखने का अनुभव भी बदल दिया है। ज़ी नेटवर्क, जिसमें कई अन्य चैनल शामिल हैं, 167 से अधिक देशों में 500 मिलियन से अधिक की वफादार दर्शकों की संख्या है। एक हाई स्कूल छोड़ने वाले होने के नाते; सुभाष - स्व-निर्मित व्यक्ति ने सही प्रकार का व्यवसाय ढूंढने के लिए समय और सफलतापूर्वक अपनी क्षमताओं को साबित कर दिया है और सफलता के मार्ग पर भी इसे आगे बढ़ाया है। व्यक्तिगत रूप से बोल रहा हूँ; वह दो पुत्रों के पिता हैं- अमित गोयंका और पुनीत गोयंका, जिन्होंने अब परिवार के व्यवसाय की मंशा ले ली है।


कैरियर


खुद के व्यवसाय का ऐसा नशा था कि मात्र 19 साल की उम्र में उन्होंने वेजिटेबल ऑयल बनाने की यूनिट लगाई और कारोबार शुरू किया। इसके बाद वो चावल का व्यापार करने लगे और फिर अनाज एक्सपोर्ट के व्यवसाय में लग गए। वर्ष 1981 में एक पैकेजिंग एग्जिबिशन के दौरान सुभाष चंद्रा को पैकेजिंग कंपनी बनाने का ख्याल आया और फिर क्या था उन्होंने कंपनी बनाई और धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ता गया। इसके बाद वे अपने जीवन के सबसे सफल – ब्रॉडकास्टिंग के बिजनेस में उतर गए। 2 अक्टूबर,1992 में उन्होंने जी टीवी के नाम से भारत का पहला प्राइवेट सेटेलाइट चैनल शुरू किया। इसके बाद ज़ी समूह ने एक के बाद एक कई चैनेल शुरू किये।


ज़ी टीवी के शुभारंभ के बाद उन्होंने वर्ष 1995 में ‘सिटीकेबल’ शुरू किया और फिर दो नए चैनल, जी न्यूज और ज़ी सिनेमा, का शुभारंभ 1995 में न्यूज कॉर्प के साथ मिलकर कर दिया। वर्ष 2000 में ज़ी टीवी केबल के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन देने वाली पहली केबल कंपनी बन गयी। ज़ी टीवी वर्ष 2003 में सॅटॅलाइट के माध्यम से ‘डायरेक्ट टू होम’ (DTH) सेवा देने वाली पहली कंपनी बन गयी।


सुभाष चंद्रा के प्रमुख व्यवसाय इस प्रकार से हैं: टेलीविजन नेटवर्क (जी), एक समाचार पत्र श्रृंखला (डीएनए), केबल सिस्टम (वायर एंड वायरलेस लिमिटेड), डायरेक्ट-टू-होम (डिश टीवी), उपग्रह संचार (Agrani और Procall), थीम पार्क (एस्सेल वर्ल्ड और वाटर किंगडम), ऑनलाइन गेमिंग (प्लेविन), शिक्षा (ज़ी लर्न), फ्लेक्सिबल पैकेजिंग (एस्सेल प्रोपैक), बुनियादी ढांचे के विकास (एस्सेल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड) और परिवार के मनोरंजन केंद्र (फन सिनेमाज)।


रोचक जानकारियाँ


o उनका जन्म हरियाणा के हिसार जिले के छोटे से गांव के बनिया परिवार में हुआ था।


o वर्ष 1965 में, दसवीं कक्षा को बीच में ही छोड़ने के बाद सुभाष ने अपने परिवार के व्यवसाय को एक कमीशन एजेंट के रूप में संभाला। जो भारतीय खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति करता था।


o इसके बाद उन्होंने एस्सेल पैकेजिंग नाम से स्वयं की विनिर्माण व्यवसायिक कंपनी की स्थापना की, जो टूथपेस्ट और अन्य लचीले पदार्थों के लिए प्लास्टिक ट्यूबों की पैकजिंग करती है।


o सुभाष ने वर्ष 1989 में एस्सेल वर्ल्ड नामक एक मनोरंजक पार्क की स्थापना की, जिसे उत्तर बॉम्बे में स्थापित किया गया था।


o वर्ष 1992 में, उन्होंने ली का शिंग के साथ भारत के पहले हिंदी भाषा केबल चैनल- ज़ी टीवी को शुरू किया।


o उनका टीवी चैनल 959 मिलियन लोगों तक पहुंच गया, जिसके चलते चैनल का प्रसारण 169 देशों में किया जा रहा है।


o उन्होंने ज़ी चैनल की सफलता के बाद भारत में पहली लॉटरी और पहले डिश टीवी को भी लॉन्च किया।


o वर्ष 2005 में, उन्होंने दैनिक भास्कर ग्रुप के साथ एक भारतीय ब्रॉडशीट अखबार- डीएनए (डेली न्यूज एंड एनालिसिस) का शुभारंभ किया, जिसे पहली बार मुंबई में प्रकाशित किया गया था और उसके बाद अहमदाबाद, पुणे, जयपुर, बेंगलुरु और इंदौर में। डीएनए अखबार


o उस समाचार पत्र ने “द टाइम्स ऑफ इंडिया” को भी चुनौती दी और भारत में एक ऑल-कलर पेज फॉर्मेट पेश करने वाला पहला अंग्रेज़ी दैनिक ब्रॉडशीट समाचार पत्र बन गया।


o उन्होंने पहले से विफल वित्त पोषित ट्वेंटी 20 क्रिकेट लीग को फिर से शुरू किया।

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